उत्त्तराखण्ड में एक बार फिर चले मोदी मैजिक के बाद इतिहास बनाने वाली भाजपा में नये सीएम को लेकर जोड़तोड़ शुरू हो गयी है। खटीमा से चुनाव हारने के बावजूद पार्टी का एक गुट पुष्कर सिंह धामी को फिर से सीएम बनाने की वकालत में जुट गया है। इस सोच के भाजपाइयों का कहना है कि धामी के मात्र छह महीने के कार्यकाल में लिए गए जनहित फैसलों की वजह से जनता ने भाजपा पर फिर से विश्वास जताया।
धामी के अलावा नये सीएम की लाइन में सतपाल महाराज ,धनसिंह रावत, बिशन सिंह चुफाल के अलावा मसूरी से चौथी बार चुनाव जीते गणेश जोशी का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है। महाराज व चुफाल भी लगातार विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं। महिला दावेदारों में कोटद्वार से जीती ऋतु खंडूडी को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गयी है।
भाजपा के मंत्री धनसिंह रावत भी श्रीनगर से चुनाव जीत गए हैं। हालांकि, धनसिंह रावत की जीत का अंतर बहुत अधिक नहीं रहा। लेकिन संघ व केंद्रीय नेताओं के बीच गहरी पैठ होने के कारण धन सिंह रावत का नाम भी नये सीएम के दावेदारों में शुमार है।
इधर, 2014 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आये सतपाल महाराज भी चौबट्टाखाल से चुनाव जीत गए हैं। 2017 के बाद सतपाल महाराज भी तीन मौकों पर सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। त्रिवेंद्र रावत व तीरथ सिंह रावत के सीएम पद से हटने के बाद सतपाल महाराज को उम्मीद थी कि हाईकमान उन पर भरोसा जतायेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सीएम धामी के चुनाव हारने के बाद महाराज का भी दावा मजबूत माना जा रहा है।