नेशन डायलॉग। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार को चालू वित्त वर्ष में 23 प्रतिशत कम राजस्व मिला है, हालांकि नई आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों की बोली लगाने से उसे 10,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। सिसोदिया ने कहा यह राशि 2019-20 के मुकाबले लगभग 3,500 करोड़ रुपये अधिक होगी। वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने शराब की दुकानों की बोली से 6,300 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया था।
उन्होंने कहा कि आबकारी नीति में सुधार के चलते अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, क्योंकि पहले इस तरह के राजस्व की चोरी हो जाती थी। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पिछले साल कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते 41 प्रतिशत कम राजस्व हासिल किया। उन्होंने कहा, ”कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां कम हैं, इसलिए कर संग्रह भी कम है। मूल्य वर्धित कर वैट) के तहत सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 25 प्रतिशत कम राजस्व हासिल किया, जबकि उत्पाद शुल्क संग्रह 30 प्रतिशत कम रहा। सिसोदिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान स्टाम्प शुल्क और मोटर वाहन करों में क्रमश: 16 प्रतिशत और 19 प्रतिशत की कमी आई है।
एक आधिकारिक हलफनामे में कहा गया है कि दिल्ली की एनसीटी सरकार ने हाल ही में वर्ष 2021-2020 के लिए अपनी नई आबकारी नीति पेश की, जिसका उद्देश्य ‘दिल्ली में नकली शराब या गैर-शुल्क भुगतान वाली शराब की बिक्री को खत्म करना और उपभोक्ता अनुभव को बदलने’ के साथ-साथ सरकार के लिए राजस्व प्राप्त करना है।