उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और कई घरों में दरारें पड़ने की घटनाओं को लेकर रविवार (8 जनवरी) को काफी हलचल रही. इस संकट को लेकर बैठकें हुईं और कई अधिकारियों ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए इलाके का दौरा किया. पीएम मोदी (PM Modi) ने भी उत्तराखंड के सीएम से बात कर मदद का आश्वासन दिया. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें.
1. जोशीमठ संकट को लेकर रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ जोशीमठ में स्थिति से निपटने के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालीन अवधि की योजनाएं तैयार करने में उत्तराखंड सरकार की मदद कर रहे हैं.
2. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की चार टीम पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं, जहां जमीन धंसने और सैकड़ों घरों में दरारें आने से लोग दहशत में हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. सीमा प्रबंधन सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सोमवार (9 जनवरी) को उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे.
3. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की ओर से आयोजित बैठक के दौरान उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने पीएमओ को जानकारी दी. समीक्षा बैठक में कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों ने हिस्सा लिया. जोशीमठ के जिला अधिकारियों के अलावा उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक में भाग लिया.
जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित करने के बाद सरकार यहां निवास कर रहे संकटग्रस्त परिवारों की सुरक्षा के लिए तेजी से काम कर रही है।
इन परिवारों को तत्काल स्थानांतरित करने की योजना बनाई गई है। पुनर्वास के लिए सरकार ने गौचर, पीपलकोटी और कोटी कालोनी समेत कुछ अन्य स्थान चयनित किए हैं। गौचर और पीपलकोटी चमोली जिले में ही स्थित हैं, जबकि कोटीकालोनी टिहरी जिले में है।