भारत में पहली बार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 2 स्मार्ट मीटर में पकड़ी गई बिजली चोरी
पूरे देश में तकनीकी चर्चा जोरों पर,उपभोक्ता न्यूट्रल काट कर कर रहे थे चोरी,
सर्वर पर नहीं हुआ रिकॉर्ड रीडिंग थी जीरो फुल लोड पर चल रही थी आइस फैक्ट्री
लखनऊ , एजेंसी : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना 3 साल के अंदर सभी घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के मामले में एक नया मोड आ गया है अब वही पूरे देश में स्मार्ट मीटर इसलिए लगवाए जा रहे थे क्योंकि इसमे कोई भी विद्युत उपभोक्ता बिजली चोरी नहीं कर पाएगा ऐसा कहा गया। था और यदि उसमें कोई भी छेड छाड करेगा तो स्मार्ट मीटर सर्वर पर सब सूचना दर्द हो जाएगी लेकिन अब एक जो खुलासा 2 दिन पहले गोरखपुर में बक्सीपुर वितरण खंड निजामपुर क्षेत्र में हुआ है वह पूरे देश को स्मार्ट मीटर पर तकनीकी रूप से सोचने पर मजबूर कर दिया है भारत देश में पहला ऐसा मामला सामने आया है जहां दो विद्युत आइस फैक्ट्री उपभोक्ता गोरखपुर क्षेत्र में स्मार्ट मीटर के न्यूट्रल को काटकर उसमें छेडछाड कर विद्युत चोरी कर रहे थे । स्मार्ट मीटर में रीडिंग तो जीरो थी लेकिन उपभोक्ता का परिसर पर सप्लाई जारी थी और स्मार्ट मीटर सरवर पर कोई भी टेंपर रिकॉर्ड नहीं हुआ और स्थानीय विजिलेंस टीम व खंड के अभियंताओं द्वारा इस मामले का खुलासा चेकिंग के दौरान किया गया.
अब सवाल यह उठता है कि जब स्मार्ट मीटर की तकनीकी में भी खामियां है तो निश्चित ही उत्तर प्रदेश में 1 जुलाई से जो 4 जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने की योजना है उसके पहले गोरखपुर में स्मार्ट मीटर में जो बिजली चोरी पकडी गई है उससे यह सिद्ध होता है कि उत्तर प्रदेश में पूर्व में जो 12 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए थे उस में तकनीकी रूप से बडी कमियां है ऐसे में पावर कारपरेशन प्रबंधन को सबसे पहले आगे जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर आने वाले हैं उसमें यह कमियां सामने ना आए उसमें अभिलंब तकनीकी बदलाव कराया जाए । और गोरखपुर में जिस भी स्मार्ट मीटर कंपनी में इस प्रकार का खुलासा हुआ है उसकी उच्चसरीय जांच कराते हुए इसके लिए जो भी दोषी है उन पर कार्रवाई कराई जाय क्योंकि मीटर खरीद से लेकर मीटर विशिष्ट करण मीटर की टेक्निकल विशिष्ट करण व मीटर निरीक्षण परीक्षण में कहीं ना कहीं कोई कमी रह गई जिसकी वजह से इस प्रकार की घटना घटित हुई है । गौरतलब है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमटेड ईईएसएल द्वारा उत्तर प्रदेश में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका लिया गया था विगत वर्ष 12लाख स्मार्ट मीटर लगने के बाद उसमें भार जंपिंग स्मार्ट मीटर बत्ती गुल का मामला सामने आने के बाद उपभोक्ता परिषद के विरोध के बाद पिछले 1 वर्षों से स्मार्ट मीटर लगने पर मनाई हो गई थी अब यह मामला सामने आया है जो सभी के होश उडा दिया है ।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा भारत देश में स्मार्ट मीटर में पहली बार उत्तर प्रदेश में जो बिजली चोरी पकडी गई है उस पर पूरे देश को तकनीकी रूप से सोचना होगा और जो भी हमारे निरीक्षक परीक्षण के केंद्रीय अनुमोदित लबोटरी है उन्हें भी इस दिशा में और भी निगरानी से जांच परख आगे करना होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश में 1 जुलाई से 4 जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने की योजना है ऐसे में उत्तर प्रदेश के मामले में अभिलंब पावर कार्यक्रम प्रबंधन को त्वरित कार्रवाई करते हुए जो भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर वर्तमान में प्रदेश में लगने हैं उनमें इस प्रकार की कमियां ना सामने आए इसकी छानबीन कर लेना बहुत ही जरूरी है और यदि कहीं जरूरी हो तो उसमें तकनीकी बदलाव कराए जाने के उपरांत ही नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर स्थापित कराई जाए करोडों अरबों रुपया खर्च करके अभी तक जो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के घरों पर मीटर लगे हैं वह चलते हुए उतारकर इस प्रकार के घटिया मीटर लगाने से अच्छा है सबसे पहले जो भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीद किए जाने हैं उनकी उच्च गुणवत्ता की जांच बहुत ही पारदर्शी तरीके से कराई जानी चाहिए उपभोक्ता परिषद लगातार चाहे भार जंपिंग का मामला हो चाहे मीटर में बत्ती गुल होने का मामला हो इसको लेकर काफी सवाल उठा चुका है और अब जब गोरखपुर में स्मार्ट मीटर में विद्युत चोरी पकड ली गई तो इससे ऐसा सिद्ध होता है यह स्मार्ट मीटर हाई ही नहीं अगर स्मार्ट था तो इसको तकनीकी रूप से भी स्मार्ट होना चाहिए था ।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्मार्ट मीटर की स्मार्टनेस की खुली पोल
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