बस की गंभीर स्थिति दुर्घटनास्थल से करीब 50 किलोमीटर पहले तभी सामने आ गई थी, जब बस की अगली कमानी में पहली बार खराबी आई। इसके बाद बस कई बार खराब हुई और जुगाड़बाजी से चलती रही। कुछ घायल बरातियों की मानें तो एक-दो मौकों पर चालक दिनेश गुसाईं ने इसको लेकर आगाह भी किया और दूसरी बस मंगवाने की बात कही, मगर समय का हवाला देते हुए बरातियों ने उसी हालत में बस को धीरे-धीरे चलाने की बात कही।
चालक ने भी यह बात मान ली। बरातियों की गुजारिश पर दिनेश की जुगाड़बाजी से बस का सफर तो जारी रहा, मगर मंजिल इस हादसे के रूप में सामने आई। दिनेश अगर बरातियों के आग्रह को ठुकरा देते तो शायद इतने परिवारों को अपनों को नहीं खोना पड़ता और खुद उनकी जान भी बच जाता
कुछ घायल बरातियों की मानें तो एक-दो मौकों पर चालक दिनेश गुसाईं ने इसको लेकर आगाह भी किया और दूसरी बस मंगवाने की बात कही मगर समय का हवाला देते हुए बरातियों ने उसी हालत में बस को धीरे-धीरे चलाने की बात कही।