नेशन डायलॉग। रुद्रप्रयाग जिले में बीते एक हफ्ते से हो रही बारिश के चलते बच्छणस्यूं पट्टी का स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटर मार्ग कई जगहों पर बंद है। ग्रामीणों को गांव तक पहुंचने के लिए मीलों पैदल तय करना पड़ रहा है। बीमार और गर्भवती महिलाओं को तो लोग डंडी में बिठाकर किसी तरह अस्पताल पहुंचा रहे हैं।
भारी बारिश के चलते बच्छणस्यूं पट्टी के एक दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ने वाला स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटरमार्ग टैंठी से पाटा के बीच कई स्थानों पर बाधित चल रहा है। ऐसे में सुराड़ी, गैरसारी, कोल्ली, खल्या, पाटा आदि गांवों की करीब पांच हजार आबादी का संपर्क मुख्य कस्बों से कट गया है। ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों में सामान तक नहीं पहुंच रहा है। लोग पैदल ही अपने गंतव्यों तक जाने को मजबूर हैं। सबसे बड़ी समस्या बीमार और गर्भवती महिलाओं के लिए हैं। ग्रामीण ऐसे इमरजंसी मामलों में बीमार और गर्भवती महिलाओं को डंडी में बिठाकर किसी तरह मीलों चलकर अस्पताल पहुंचा रहे हैं।
उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने क्षेत्र का भ्रमण किया। उन्होंने 8 किमी पैदल चलकर स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटरमार्ग की स्थिति देखी। कहा कि इस मार्ग की हालत काफी खराब है। उन्होंने नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) के अधिकारियों से फोन पर वार्ता करते हुए जल्द मोटरमार्ग को दुरुस्त करने की मांग की। साथ ही जिलाधिकारी को भी सड़क की स्थिति से अवगत कराया। सामाजिक कार्यकर्ता हरीश कुमार, लाल सिंह बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, हरेंद्र नेगी, रतन सिंह, प्रह्लाद बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, दिनेश बिष्ट, लाल सिंह नेगी, विनती लाल, झंकारु लाल, नारायण बिष्ट, मनवर बिष्ट, अवतार बिष्ट, उम्मेद नेगी, वीर सिंह बिष्ट, अर्जुन बिष्ट, जसपाल लाल आदि ने कहा कि सड़क बंद होने से ग्रामीणों को सामान पीठ पर ढोकर गांव पहुंचाना पड़ रहा है। क्षेत्रीय लोगों की पीड़ा कोई नहीं सुन रहा है। बीमार और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने तक भी मुश्किलें उठानी पड़ रही है। शिक्षक और छात्र समय पर स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में यदि शीघ्र सड़क को नहीं खोला गया तो जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा। ग्राम प्रधान क्वली सुमन देवी, संदीप रावत, गोपाल पंवार, नरेंद्र असवाल, जमन सिंह, त्रिलोक राणा का कहना है कि सड़क पर बिछाया गया डामर उखड़ने लगा है। गुणवत्ता का जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। घटिया कार्य के चलते सड़क की स्थिति खराब है। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है।