सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड में पिछले दिनों बारिश के बाद पहाड़ टूटने और रोड जाम के मामले सामने आते रहे हैं। एक बार फिर प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अगले तीन दिनों तक प्रदेश में गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान जताया गया है। इसको लेकर कई जिलों में स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। उत्तराखंड सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है।
विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी को भी बंद कर दिया गया है। भारी बारिश की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। वहीं, पहाड़ों पर बारिश के असर को देखते हुए ट्रैकिंग पर भी रोक लगाई गई है।
बद्रीनाथ नेशनल हाइवे भारी बारिश के कारण नंदप्रयाग के पास बंद होने की सूचना आ रही है। बद्रीनाथ और हेमकुंड जाने वाले यात्रियों को इस कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्णागिरि मार्ग पर लादीगाड़ के पास सड़क पर चट्टान गिरने से आवाजाही बंद हो गई। अलबत्ता चट्टान गिरते वक्त आवाजाही नहीं होने से नुकसान नहीं हुआ। चट्टान के लुढ़कने से ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर तक आवागमन ठप हो गया। सड़क बंद होने से फंसे बाइक सवारों ने किसी तरह अपने वाहनों को पार कराया। प्रशासन ने मौसम के मद्देनजर पूर्णागिरि धाम के दर्शन करने पर 19 सितंबर तक रोक लगाई है लेकिन सड़क बंद होने से सेलागाड़ और आसपास के लोगों की आवाजाही पर असर पड़ा है। बारिश से आए मलबे ने चंपावत जिले की 14 ग्रामीण सड़कों पर आवाजाही रोक दी है।
चंपावत जिले की ये सड़कें हुईं बंद
बसौटी-रौकुंवर, पुनावे-सिप्टी-न्याड़ी, सूखीढांग-डांडा-मीडार, ठुलीगाड़-भैरव मंदिर, धौन-बड़ौली, स्याला-पोथ, चल्थी-नौलापानी, रौसाल-डूंगराबोरा-चकसिलकोट, डूंगराबोरा-कायल-मटियानी, बगोटी-डूंगरालेटी, बलूटा-पासम, बांकू-सुल्ला पाशम, बाराकोट-कोठेकरा और बाराकोट-मिर्तोली।